Sunday, February 26, 2012

उत्तरांखंड


उत्तरांखंड यानि देवभूमि, मीलों फैला हिमालय और इस धरती का एक ओर स्‍वर्ग। हर किसी को हर कहीं से लुभाने के लिये लालायित एक रमणीय प्रदेश। स्‍वच्‍छ वायु, निर्मल जल, कँपकँपाती बरफीलि हवा , दूर तक फैली हरियाली, विशाल पहाड़, छोटे छोटे गाँव, सीधे-सादे लोग, कड़ी जीवन शैली यही है उत्तरांखंड ।
एक तरफ उत्तरांखंड  जहाँ प्रकृति प्रेमियों के लिये स्‍वर्ग है वहीं दूसरी तरफ रोमाँचकारी खेलों के शौकीन लोगों के लिये सबसे उत्तम स्‍थान। पहाड़ की रानी मसूरी हो या झीलों का शहर नैनिताल या भारत का स्‍विटजरलैण्‍ड अल्‍मोड़ा और या फिर चार धाम जहाँ जायेंगे सुंदरता, शांति और प्‍यार ही पायेंगे। रोमांच और मस्‍ती के लिये आप पहाड़ों में चढ़ने के दुरगम  कार्य से लेकर ट्रैकिंग या बर्फ में स्की, वॉटर राफ्‍िटंग या बोटिंग और या फिर परा-ग्‍लाइडिंग तक किसी का भी आनंद उठा सकते हैं।पहले यह परदेश उत्तरांचल के नाम से जाने जाता था 
उत्तरांचल दो शब्‍दों के मिलाने से मिला है – उत्तर यानि कि नोर्थ और अंचल यानि कि रीजन, भारत के उत्तर की तरफ फैला प्रान्‍त यानि कि उत्तरांचल। उत्तरांचल दो क्षेत्रों में बंटा है – कुमाऊँ (जहाँ की लोकल बोली है कुमाऊंनी) और गढ़वाल (यहाँ गढ़वाली बोली जाती है)। इसमें कुल मिलाकर १३ जिले हैं ६ कुमाऊँ में और ७ गढ़वाल में। उत्तरांचल पूर्व में नेपाल, उत्तर में चीन, पश्‍चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश से घिरा हुआ है। ९ नवंबर सन्‌ २००० को भारत के सत्ताईसवें राज्‍य के रूप में इस प्रदेश का जन्‍म हुआ, इससे पहले ये उत्तर प्रदेश का ही एक हिस्‍सा था।
कुमाऊँ के जिले – अल्‍मोड़ा, रानीखेत, पिथौरागढ़, चम्‍पावत, बागेश्‍वर और उधम सिंह नगर
गढ़वाल के जिले – देहरादून, उत्तरकाशी, पौड़ी, टेहरी ( अब नई टेहरी), चमोली, रूद्रप्रयाग और हरिद्वार प्रमुख  शहर है

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